चित्तरंजन। चित्तरंजन रेल कारखाना शुक्रवार को कर्मचारियों की एकजुटता और संघर्ष की भावना से भर उठा, जब चित्तरंजन रेलवेमेंस कांग्रेस के नेतृत्व में एक भव्य महा मिछिल का आयोजन किया गया। कारखाने के विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारियों ने भारी संख्या में हिस्सा लेकर अपने अधिकारों, सुविधाओं और भविष्य से जुड़ी अहम मांगों को जोरदार ढंग से उठाया। मिछिल की शुरुआत होते ही पूरा परिसर मजदूर एकता जिंदाबाद और हमारी मांगें पूरी करो जैसे नारों से गूंज उठा।प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बैनर, पोस्टर और तख्तियों के माध्यम से साफ कहा कि कई सालों से उनकी जायज़ मांगें लंबित पड़ी हैं, जिन्हें अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।महा मिछिल में पाँच मुख्य मुद्दे प्रमुख रूप से छाए रहे। जिसमें पहला, कर्मचारियों ने नए श्रम संहिता-2025 को मजदूर विरोधी बताते हुए इसे पूरी तरह रद्द करने की मांग रखी। दूसरा, पूरे भारतीय रेल तंत्र, विशेषकर सीएलडब्ल्यू में तेजी से बढ़ रहे निजीकरण का पुरजोर विरोध किया गया। तीसरा, कर्मचारियों ने एनपीएस/यूपीएस खत्म कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग दोहराई। चौथा, सभी कर्मचारियों के हित में 8वें वेतन आयोग को तुरंत लागू करने की अपील की गई। पाँचवा, लंबे समय से रिक्त पड़े पदों पर त्वरित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की माँग जोरदार ढंग से उठाई गई।सीआरएमसी के प्रमुख नेता इंद्रजीत सिंह, संजीव कुमार शाही, नेपाल चक्रवर्ती, स्वागत भट्टाचार्य और अमरेश बर्धन ने कहा कि यह आंदोलन कर्मचारियों की आवाज़ है और इसे दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार और रेलवे प्रशासन शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लेते हैं, तो संघर्ष को और व्यापक रूप दिया जाएगा।कार्यक्रम में यूनियन के सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे और सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों के समर्थन में संकल्प लिया।
सीएलडब्ल्यू में कर्मचारियों का महा प्रदर्शन: पांच सूत्रीय मांगों के साथ गरजी यूनियन, सरकार को चेतावनी
