करमाटांड़। प्रखंड के सरस्वती राजा मंदिर मैदान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का तीसरा दिन पूर्ण भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर रहा। गुरुवार की सुबह जैसे ही आरती की स्वर-लहरियाँ वातावरण में गूँजीं, आसपास के गांवों से श्रद्धालुओं का सैलाब कथा स्थल की ओर उमड़ पड़ा। मैदान हर-हर महादेव, जय श्रीराम, राधे-राधे और हरे कृष्णा के उत्साहपूर्ण जयकारों से गूँज उठा।
कथा वाचिका तान्या शरण ने मंगलाचरण एवं स्तुति के साथ कथामृत का आरंभ किया। उन्होंने श्रीमद् भागवत महापुराण की महिमा बताते हुए कहा कि यह ग्रंथ मानव जीवन को सत्य, प्रेम और सदाचार की दिशा देने वाला अद्वितीय शास्त्र है। उन्होंने श्रीकृष्ण के बाललीला प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पूरे कथा परिसर में ऐसा आध्यात्मिक वातावरण बना कि हर वर्ग के लोगों में बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग भक्ति रस में डूबते चले गए। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि प्रतिदिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस आयोजन की लोकप्रियता का प्रमाण है। भजन-कीर्तन की मधुर धुनों ने माहौल को और अधिक दिव्य बना दिया।
व्यवस्था और सुरक्षा में लगे स्वयंसेवकों ने पूरे आयोजन को सहज और सुचारू बनाए रखा। ग्रामीणों ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतने भव्य धार्मिक कार्यक्रम का अनुभव उन्हें लंबे समय बाद मिला है।
आयोजकों ने बताया कि शुक्रवार को कथा में गोवर्धन लीला और श्रीकृष्ण के अन्य महत्वपूर्ण प्रसंगों का विशेष वर्णन किया जाएगा, जिसके लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं।
