मिहिजाम/चित्तरंजन। ईसाई समाज का सबसे पावन और हर्षोल्लास से भरा पर्व बड़ादिन (क्रिसमस) नजदीक आते ही मिहिजाम, चित्तरंजन और आसपास के क्षेत्रों में उत्सव का रंग गहराता जा रहा है। पर्व को लेकर ईसाई समुदाय में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है और पूरा इलाका आस्था, भाईचारे और खुशियों के माहौल में रंगा हुआ है।क्रिसमस के स्वागत में कई दिनों से तैयारियां जारी हैं। चर्चों और घरों को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। रंग-बिरंगी झालरें, सितारे, मोमबत्तियां और क्रिसमस ट्री से घर-आंगन और गिरजाघर जगमगा उठे हैं। कई स्थानों पर प्रभु यीशु के जन्म की झांकी सजाई गई है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।क्रिसमस से पहले कैरोल्स टीम द्वारा घर-घर जाकर प्रभु यीशु के जन्म से जुड़े गीत गाए जा रहे हैं। मधुर कैरोल गीतों की गूंज से पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण बन गया है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस परंपरा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, जिससे पर्व की खुशी दोगुनी हो गई है।बाजारों में भी क्रिसमस की रौनक साफ दिखाई दे रही है। लोग नए वस्त्र, सजावटी सामग्री, उपहार और क्रिसमस ट्री की खरीदारी कर रहे हैं। बेकरी दुकानों पर केक और पारंपरिक क्रिसमस मिठाइयों की मांग तेजी से बढ़ी है।ईसाई समुदाय के लोगों का कहना है कि बड़ादिन प्रेम, शांति और मानवता का संदेश देने वाला पर्व है। इस दिन विशेष प्रार्थनाएं, आपसी मेल-मिलाप और जरूरतमंदों की मदद की जाती है। कुल मिलाकर मिहिजाम और चित्तरंजन क्षेत्र में क्रिसमस को लेकर उत्साह चरम पर है और हर्षोल्लाश का वातावरण बना हुआ है।
क्रिसमस की रौशनी से सराबोर मिहिजाम–चित्तरंजन, बड़ादिन को लेकर आस्था और उल्लास का माहौल
