सीएलडब्ल्यू की अप्रेंटिस अधिसूचना पर उठे सवाल, रेलवेमेंस कांग्रेस ने संशोधन व पुनर्प्रकाशन की मांग तेज की

चित्तरंजन। चित्तरंजन रेलवेमेंस कांग्रेस ने सीएलडब्ल्यू द्वारा जारी एडवांस्ड एक्ट अप्रेंटिस अधिसूचना संख्या टीएस/157/एक्ट अप्रेंटिस/2025 (दिनांक 03 दिसंबर 2025) को गंभीर खामियों वाला बताते हुए इसके तत्काल पुनरीक्षण की मांग उठाई है। संगठन ने कहा कि अधिसूचना में अनेक अनिवार्य प्रावधान शामिल नहीं किए गए हैं, जिससे स्थानीय अभ्यर्थियों में भ्रम और आक्रोश की स्थिति पैदा हो रही है।

सीआरएमसी के महासचिव इंद्रजीत सिंह ने मुख्य कार्मिक अधिकारी को भेजे पत्र में स्पष्ट किया कि रेलवे बोर्ड के मास्टर सर्कुलर-8 और आरबीई-119/2002 में अप्रेंटिस चयन के लिए स्पष्ट नियम निर्धारित हैं। आईसीएफ चेन्नई और आरडब्ल्यूएफ बेंगलुरु समेत अन्य इकाइयाँ इन नियमों का पालन करती हैं, लेकिन सीएलडब्ल्यू की नवीनतम अधिसूचना में इन बिंदुओं की अनदेखी की गई है।

संगठन ने बताया कि अधिसूचना में स्थानीय रोजगार कार्यालय में पंजीकरण का अनिवार्य प्रावधान, स्थानीय आईटीआई अभ्यर्थियों को वरीयता, रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों को प्राथमिकता तथा एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए विशेष वरीयता जैसे महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख नहीं है। इससे स्थानीय युवाओं के अवसर प्रभावित हो रहे हैं।

रेलवेमेंस कांग्रेस ने मांग की है कि अधिसूचना को रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन के अनुरूप संशोधित कर पुनर्प्रकाशित किया जाए। साथ ही आधार-प्रमाणित डिजिटल आवेदन प्रणाली लागू कर प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरल बनाया जाए।

संगठन का कहना है कि समय रहते किए गए सुधार न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएंगे बल्कि क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के अधिकारों की भी रक्षा करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *